बनारस का रामनगर किला (Ramnagar Fort) और उससे जुड़े रोचक तथ्य

आइये आज हम बात करते है दुनिया के सबसे पुराने शहर बनारस के बारे में, बनारस जिसे हम काशी या फिर वाराणसी के नाम से भी जानते है माना जाता है की ये दुनिया का सबसे पुराना शहर है और भारत के इसी सबसे पुराने शहर में है रामनगर किला (Ramnagar Fort)
आज हम आपको रामनगर किले के बारे में विस्तार से बताएँगे और इस किले के बारे में अनेक रोचक जानकारिया और तथ्य है जो हम आपके साथ साझा करेंगे

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उत्तर प्रदेश के बनारस में स्थित 18वी शताव्दी मुग़ल सत्यापथ्य कला में निर्मित बनारस का यह रामनगर किला (Ramnagar Fort) जो की गंगा नदी के तट के पास बनारस में स्थित है यह एक बलुवा पथ्हर से बनी हुई संरचना है
उस समय रामनगर किले का निर्माण 1750 में बनारस के राजा काशी नरेश बलवंत सिंह ने करवाया था किन्तु अब अनंत नारायण सिंह वर्तमान समय में राजा के तौर पर इस किले में निवास करते है, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने इस किले को अब सरकारी संम्पत्ति का दर्जा दे दिया है
18वी शताव्दी में बनाये गए इस रामनगर किले की जो पुरानी चमक थी वो अब पहले जैसे तो नहीं रही किन्तु यह किला आज भी बहुत ही खूबसूरत और मनमोहक है इस देखने के लिए भारत के कोने कोने से लोग आया करते है , यही नहीं इस किले की प्रसिद्धि इतनी है की इस देखने के लिए विदेशी भी भरी संख्या में काशी यानि बनारस आया करते है, माना यह भी जाता है कि इस किले के अंदर से ही एक सुरंग भी है जो चुनार के किले पर जाकर निकलती है

Ramnagar Fort

राम नगर किले (Ramnagar Fort) का इतिहास

18वी शताव्दी मुग़ल सत्यापथ्य कला में निर्मित इस किले का निर्माण ऋषि वेदव्यास को समर्पण के रूप में बनाया गया था, रामनगर वह स्थान है जहाँ महाभारत काल के दौरान ऋषि वेदव्यास रहकर अपनी तपस्या किया करते थे, इसीलिए यह किला ऋषि वेदव्यास को समर्पित करके बनाया गया, हलाकि यह किला भले ही 18वी शताव्दी में बनाया गया परन्तु इस किले की दीवारों पर बने शिला लेख 17वी शताव्दी के है,

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इस किले का नाम रामनगर किला (Ramnagar Fort) पड़ने का एक मुख्य कारण यह भी है की यहाँ पर 18वी शताव्दी तक भगवान राम के जीवन के बारे में कई सारे कार्यक्रम आयोजित किये गए थे इस कारण भी इस किले का नाम रामनगर किला पड गया, राम नगर किले का नाम रामनगर पड़ने के पहले इसे व्यास काशी भी कहा जाता था, उस समय काशी नरेश बलवंत सिंह अपने सम्पूर्ण परिवार के साथ इस किले में निवास करते थे।
काशी नरेश बलवंत सिंह ने इस किले के अंदर बहुत सारे मंदिरो का भी निर्माण करवाया। हलाकि अब शाही शासन समाप्त कर दिया गया है और यह किला अब पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है यहाँ भारत के अलावा देश विदेश से भी लोग यहाँ इस किले को देखने के लिए आते है, परन्तु वर्तमान शाही परिवार नारायण सिंह वर्तमान समय में राजा के तौर पर आज भी अपने परिवार के साथ इस किले में निवास करते है

कहा स्थित है रामनगर किला (Ramnagar Fort)

रामनगर किला उत्तर प्रदेश के बनारस रेलवे स्टेशन से 14 किलोमीटर दूर बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से 2 किलोमीटर दूर बनारस के गंगा नदी के पूर्वी तट पर तुलसी घाट के ठीक सामने स्थित है जो की काफी दूर से ही दिखाई देता है

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रामनगर किले (Ramnagar Fort) का संग्रहालय (सरस्वती भवन)

रामनगर किला
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रामनगर किले (Ramnagar Fort) के अंदर भारत का एक प्रचीन संग्रहालय भी है इस संग्रहालय को सरस्वती भवन भी कहा जाता है, यह भवन प्राचीन काल में सार्वजनिक दर्शक हाल था जहाँ भगवान राम के जीवन के बारे में घटनाये कथा और नाटक के स्वरुप में प्रस्तुत की जाती थी, हलाकि यह संग्रहालय अब भी सार्वजनिक है किन्तु आज इस भवन में स्थित संग्रहालय को देखने के लिए टिकट लेनी पड़ती है

Ramnagar Fort


रामनगर किले के संग्रहालय में जिसे सरस्वती भवन भी कहा जाता है वह पर आपको बहुत सारी प्राचीन चीजे देखने को मिल जाएँगी, यहाँ पर प्राचीन काल की तोप, पुरानी बन्दुके, कार, बैलगाड़ी, हाथीदांत की कृतियां, अमेरिका की पुरानी कारे, मध्यकालीन वेशभूषा, सोने एवं चांदी के गहने, पालकी, कुर्सियां, पुरानी काठी, पुरानी किताबे, पांडुलिपियां, मुग़ल लघु सचित्र पुस्तके, महाराजा और महारानी द्वारा दैनिक इस्तेमाल की जाने वाली चीजे, खूबसूरत वाद्य यन्त्र, रखे हुए है जिसे देखकर आप अपने गौरवशाली इतिहास पर और अधिक गर्व कर पाएंगे।
इन महत्वपूर्ण वस्तुओ को देखने के लिए आपको एक बार रामनगर किले में जरूर आना चाहिए।

Ramnagar Fort

चलिए हम शुरुवात करते है, संग्रहालय के प्रवेश द्वार से: जैसे ही आप म्यूजियम यानि संग्रहालय में प्रवेश करेंगे वैसे ही आपको अंग्रेजो के ज़माने की प्रसिद्ध गाडी दिखाई देगी जिसका नाम ”लाडो गाडी” है इस गाड़ी को देखकर आपकों स्वयं ही अंग्रेजो के शाशन काल का दृस्य प्रदर्शित होने लगेगा

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जैसे ही आप थोड़ा आगे बढ़ेंगे आपको हाथी के दातो से बनी पुराने ज़माने की बघ्घी भी दिखाई देगी, इसके अलावा पास में ही आपको एक कोच दिखाई देगी जो पूरी तरह चांदी की धातु से बनी हुई है

Ramnagar Fort
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इसके अलावा बहुत ही लम्बी बैल गाडी भी दिखाई देगी जो आधुनिक बैलगाड़ी से काफी मिलती जुलती है साथी साथ यहाँ पर आपको हाथ गाडी भी देखने को मिल जाएगी

इसके अलावा यहाँ आपको एक और बेहतरीन चीज देखने को मिल जाएगी जो निश्चित ही आपका मन मोह लेगी
प्लायमाउथ और फोर्ड की गाड़ियां जो इस रामनगर किले में चार चाँद लगा देती है, प्लायमाउथ एक चार पहिये वाली गाड़ी है जिसमे 6 सिलेंडर वाला इंजन लगा हुआ है। और ये गाड़िया लम्बाई में काफी ज्यादा बड़ी भी है । इस गाड़ी को उस समय अमेरिका से ही इम्पोर्ट किया गया था ये गाड़िया पूरी तरह धातु से निर्मित है लेकिन इनके दरवाजे लकड़ी के बने हुए है

(Ramnagar Fort)

यहाँ आपको एक बेल्जियम में निर्मित मिनरवा गाड़ी देखने को मिल जाएगी जो संभवतः सैनिको को ले जाने के लिए बनायीं गयी होगी ये गाड़ी आकर में काफी बड़ी है
सबसे दिलचस्प बात यह है की यह गाड़ी 1917 में बनाई गयी थी यानि विश्व युध्य के दौरान इस गाड़ी का निर्माण किया गया था
इसी प्रकार आगे बढ़ने पर आपको बहुत सारी प्राचीन चीजे जैसे पालकी,खटोला,नालकी आदि देखने को मिल जाएगी

Ramnagar Fort
(Ramnagar Fort)

इसी प्रकार इस संग्राहलय में हाथी दांत से बना एक विश्राम स्थल भी है इस विश्राम स्थल में भी आपको कई सारी खूब सूरत पेंटिंग भी देखने को मिल जाएगी जो उस समय के गौरव शाली इतिहास को प्रदर्शित करती है
इस विश्राम स्थल के बीच आपको एक राजकीय चिन्ह दिखाई देगी जिस पर बहुत सुन्दर अछरो में सत्यान्नास्ति परो धर्मः लिखा हुआ है जिसका मतलब होता है : सत्य से बड़ा कोई धर्म नहीं झूठ से बड़ा कोई पाप नहीं वेद से बड़ा कोई शास्त्र नहीं माता के समान कोई गुरु नहीं.

Ramnagar Fort

रामनगर किले में इन सभी चीजों के अलावा आपको एक जगह हाथी को पहनाये जाने वाले आभूषण जैसे हाथी के गले में पहनने वाला आभूषण जिसे हैकल कहते है देखने को मिल जायेगा इसके अलावा यहाँ आपको हाथी का मुकुट और हाथी के पूछ का आभूषण जिसे दुमछी कहते है देखने को मिल जायेगा
संभवतः आपने भी हाथी के इतने आभूषण को पास से नहीं देखा होगा

चलिए अब आगे बात करते है उस समय राजघराने में इस्तेमाल किये जाने वाले वस्त्रो कि जो आपको रामनगर के इस संग्रहालय में देखने को मिल जायेगा
रामनगर के इस संग्रहालय में उस समय के वस्त्रो को रखने के लिए अलग से एक कमरे का प्रबंध किया गया है जिसमे इन सभी वस्त्रो को सुरछित तरीके से रखा गया है

Ramnagar Fort
Ramnagar Fort


यह आपको बनारसी शैली में बना एक वस्त्र देखने को मिल जायेगा जिसका नाम धुलाई है इस वस्त्र को १९ शताव्दी में बनाया गया था
इसके अलावा मराठी शैली में निर्मित खेश चादर भी आपको यहाँ देखने को मिल जाएगी
कुछ कश्मीरी शैली और नेहरू शैली में निर्मित टोपी और राजघराने में प्रयोग किये जाने वाली जूती भी देखने को मिलेगी

रामनगर के किले (Ramnagar Fort) में आपको कुछ वाद्य यन्त्र भी देखने को मिल जाएँगे जो यक़ीनन बहुत ही पुराने है
इन वाद्य यन्त्र में हारमोनियम तानपुरा रूद्र वीणा सितार और उस समय इस्तेमाल किये जाने वाले रेडियो भी आपको यहाँ देखने को मिल जायेंगे

Ramnagar Fort
Ramnagar Fort

बात करे उस समय प्रयोग किये जाने वाले हथियारों कि तो यहाँ पर आपको तीर धनुष, भाले, बरछे, तलवारे और उस समय कि बन्दूखे भी देखने को मिल जाएँगी
यहाँ पर कुछ बन्दूखे बहुत छोटी तो कुछ बहुत ज्यादा बड़ी है साथ ही यहाँ पर 1 नली बंदूखों के साथ 4 नली वाली बन्दूखे भी रखी हुई है यहाँ पर रखी तलवारो कि मुठियों पर शेर आदि के सुन्दर चित्र बने हुए है

Ramnagar Fort
Ramnagar Fort


इसके साथ आपको यहाँ पर अफ्रीकन तलवारे , म्यांमार कि तलवारे और जापान कि तलवारे और हथियार भी देखने को मिल जाएँगी

रामनगर किले (Ramnagar Fort) में मौजूद है खगोलीय घड़ी

रामनगर किले के इस संग्राहलय में एक खगोलीय घडी रखी हुई है जो समय, दिन, सप्ताह, महीने और ग्रहों, चंद्रमा और सूर्य की स्थिति के बारे में खगोलीय विवरण दिखाती है।
इस घड़ी का निर्माण 19वीं शताब्दी में वाराणसी के राजा के दरबार में एक खगोलशास्त्री ने करवाया था।

Ramnagar Fort
(Ramnagar Fort)

रामनगर किले में होने वाला आयोजन

रामनगर किले में प्रतिवर्ष अक्टूबर महीने के दशहरा के पवन अवसर पर रामलीला का आयोजन किया जाता है
यह कार्यक्रम कम से कम 1 महीने तक चलता है रामनगर का रामलीला पूरे भारत वर्ष में विख्यात है जिसका आयोजन अक्टूबर के महीने में किया जाता है
इस रामलीला को देखने के लिए आज भी भारी संख्या में दूर दराज से लोग आते है
राज घराने के लोग और स्वयं राजा भी इस राम लीला को देखने के लिए इस आयोजन में सम्मलित होते है

रामनगर किले (Ramnagar Fort) में जाने का समय

बनारस में स्थित रामनगर किले का यह संग्रहालय प्रतिदिन सुबह 10 से शाम 5 बजे तक खुला रहता है , रविवार एवं अन्य सार्वजानिक छुट्टियों पर भी यह किला खुला रहता है , सिर्फ होली के त्यौहार पर यह संग्रहालय बंद किया जाता है
रामनगर के इस किले में जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर का समय है इस महीने के दौरान, दशहरा उत्सव को भगवान राम के जीवन को बहुत ही धूम धाम से यहाँ पर प्रदर्शित किया जाता है इस किले का वातावरण इस समय बहुत ही रंगीन और जीवंत सा प्रतीत होता है
साथ ही यदि आप नदी और नाव यात्रा के प्रेमी है तो मानसून के मौसम के समय जुलाई से सितंबर तक भी आकर आनंद ले सकते है ककी इस समय गंगा का पानी आपने उच्तम अस्तर पे होता यहाँ आप नाव की सवारी का आनंद ले सकते है, नाव की सवारी का आनंद लेते हुए आप कई घाटों पर भी जा सकते है

Ramnagar Fort


यदि आप पुरानी भारतीय संस्कृति के प्रेमी है तो आप जनवरी और फरवरी के महीने में भी यहाँ आ सकते है।
जनवरी और फरवरी के महीने में यहाँ अनेक महत्वपूर्ण त्योहारो का आयोजन किया जाता है इस उत्सव के दौरान, आप नाव जुलूस, नृत्य प्रदर्शन जैसी चीजों का भी का आनंद ले सकते हैं।

(Ramnagar Fort)

बनारस का रामनगर किला (Ramnagar Fort) क्यों है इतना प्रसिद्ध

रामनगर किला 18वी शताव्दी मुगल शैली की वास्तुकला में निर्मित बलुआ पत्थर से बनी एक गढ़वाली इमारत है, रामनगर के इस किले में दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर,बड़ी खगोलीय घड़ी, नक्काशीदार बालकनी,वेद व्यास मंदिर, खुले आंगन, दरबार हॉल,मंडप,और स्वागत कक्ष बनाये गए है इन सभी अत्यंत प्राचीन कलाकृत्यों के कारण यह किला बहुत अधिक प्रसिद्ध है।

Ramnagar Fort
Ramnagar Fort

रामनगर किले (Ramnagar Fort) में कितना लगता है प्रवेश शुल्क

रामनगर किले में प्रवेश के लिए कोई भी प्रवेश शुल्क नहीं लगता है किन्तु संग्रहालय में प्रवेश के लिए वयस्कों के लिए मात्रा 75 रुपये और बच्चो के लिए 20 रुपये प्रवेश शुल्क देना पड़ता है वही यह प्रवेश शुल्क विदेशियों के लिए 150 रुपये देने होते है।

रामनगर किले (Ramnagar Fort) तक कैसे पहुंचे

वाराणसी हवाई अड्डा (लाल बहादुर शास्त्रीय अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा ) रामनगर किले से 33 किमी दूर है, यहाँ से आप किले तक पहुँचने के लिए कैब बुक कर सकते है।

रेल द्वारा :- रामनगर किले का निकटतम रेलवे स्टेशन वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन है, जो तक़रीबन ४ किमी की दूरी पर है। यहां से आप रामनगर किले तक पहुंचने के लिए ऑटो रिक्शा या कैब भी बुक कर सकते हैं।

बस द्वारा :- रामनगर किले का सबसे नजदीकी बस स्टैंड तेंगरा मोर बस स्टॉप है, आप बस से भी आसानी से किले तक पहुंच सकते हैं।

Ramnagar Fort
(Ramnagar Fort)

रामनगर किले (Ramnagar Fort) के आस-पास के प्रसिद्ध स्थान

गंगा नदी 3.2 किमी दूर
भारत माता मंदिर 3 मिनट की दूरी पर
अनुभव वाराणसी – निजी निर्देशित पर्यटन 2.9 किमी दूर
यात्रा ब्यूरो – वाराणसी 22 मिनट की दूरी पर
योग प्रशिक्षण केंद्र 3 किमी दूर

Preeti Gupta
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Hi, I am Preeti Gupta, Content Creator of the "Yatra with Preeti" YouTube Channel, And Passionate Content Writer related to Religious Niches like Temple's History, Importance of Puja & Path

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