क्या है श्रावण मास? (Shravan Mondays 2023) क्यों है यह अधिक फलदायी|सावन में भगवान शिव की पूजा विधि और पूजा का महत्व

सावन के महीने (Shravan Mondays 2023) में भगवान् शिव की पूजा का विशेष महत्व है। हिन्दू पंचांग के अनुसार यह महीना वर्ष का पांचवा महीना होता है।

यदि अंग्रेजी कैलेण्डर की बात करे तो सावन का महीना जुलाई-अगस्त में आता है। सावन के महीने (Shravan Mondays 2023 ) में सोमवर के व्रत का बहुत महत्व होता है। कहा जाता है की सावन का महीना भगवान् शिव को बहुत प्रिय है। इस माह में सोमवार का व्रत और सावन स्नान की परंपरा है।
सावन के सोमवार में भगवन भोलेनाथ को जल के साथ विल्व अर्चन करना अत्यंत फलदायी माना जाता है |
शिव पुराण के अनुसार जो कोई व्यक्ति इस माह में सोमवार का व्रत करता है भगवान शिव उसकी समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं। सावन के महीने में लाखों श्रद्धालु ज्योर्तिलिंग के दर्शन के लिए हरिद्वार, काशी, उज्जैन, नासिक समेत भारत के कई धार्मिक स्थलों पर जाते हैं।
सावन के महीने ( Shravan Mondays 2023 ) में शिव भग्त कावड़ यात्रा का आयोजन करते है इस दौरान लाखों शिव भक्त देवभूमि उत्तराखंड में स्थित शिवनगरी हरिद्वार और गंगोत्री धाम की यात्रा करते हैं |
कावरिया इन स्थानों से जल भर कर अपने प्रिय भगवन भोलेनाथ को जल चढ़ाते है।

कब से शुरू हो रहा है सावन सोमवार ( Shravan Mondays 2023 )

इस वर्ष सावन 4 जुलाई 2023 से 31 अगस्त 2023 तक चलेगा
सावन के महीने ( Shravan Mondays 2023 ) में भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करने वालों पर भोलेभंडारी की कृपा बरसती है खासकर सावन सोमवार का दिन शिव पूजा के लिए उत्तम माना जाता है सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई 2023 को है।
वर्ष 2023 में अधिकमास के कारण से सावन एक माह की जगह दो महीने का होगा और सावन में आठ सोमवार पड़ेंगे। 2023 में सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई को पड़ रहा है। इसके साथ ही आठवां सोमवार 28 अगस्त को पड़ेगा।

कब करे सोलह सोमवार ( Shravan Mondays 2023 ) व्रत की शुरुवात

हिंदू पंचांग के अनुसार सावन का महीना ( Shravan Mondays 2023 ) हिंदू कैलेंडर के अनुसार पांचवा महीना होता है। सावन में सोमवार का खास महत्व होता है। इस माह में सोमवार के व्रत रख भोलेनाथ को प्रसन्न किया जाता है। यदि आप सोलाह सोमवार का व्रत करना चाहते है तो सावन के सोमवार से इस व्रत को रखना आरम्भ कर सकते है।

क्या है सावन माह (Shravan Mondays 2023) में जल चढ़ाने का महत्व

सावन का महीना ( Shravan Mondays 2023 ) भगवान् शिव के लिए बहुत प्रिय प्रिय महीना होता है। सावन के महीने में जो भी व्यक्ति भगवान शिव की पूजा करता है भवन शिव उसे लम्बी उम्र का वरदान भी प्रदान करते है।
कहा जाता है की ऋषि मार्कण्डेय ने लम्बी उम्र के लिए भगवान् शिव की घोर तपस्या की जिससे प्रसन्न होकर भगवान् शिव ने ऋषि मार्कण्डेय को चिरंजीवी होने का वरदान दिया था।

पौराणिक कथा के अनुसार सावन के महीने ( Shravan Mondays 2023 ) में ही समुद्र मंडान किया गया था जिसमे 14 रत्न प्राप्त हुए थे जिसमे से एक रत्न हलाहल विष भी था। जन कल्याण और सृष्टि की रक्षा के लिए भगवान् शिव ने हलाहल विष पि लिया था और संपूर्ण सृष्टि की रक्षा की थी। विष के कारण शिवजी का कंठ नीला पड़ गया था. तब विष के प्रभाव को कम करने के लिए देवी-देवताओं ने शिवजी को जल अर्पित किया था। इसलिए सावन के महीने में जलाभिषेक का खास महत्व होता है।

मान्यता यह भी है कि सावन के महीने ( Shravan Mondays 2023 ) में ही भगवान शिव पृथ्वी पर अवतरित होकर अपने ससुराल गए थे ससुराल में अर्घ्य और जलाभिषेक से उनका स्वागत किया गया था इसलिए भी कहा जाता है कि, हर साल सावन के महीने में शिवजी अपने ससुराल जाते हैं इसलिए पृथ्वी वासियों के लिए शिवजी कृपा पाने का यह उत्तम अवसर होता है।

सावन के महीने ( Shravan Mondays 2023 ) में भगवान शिव की पूजा विधि

सावन के महीने ( Shravan Mondays 2023 ) में प्रातः काल जल्दी उठ कर स्नान अदि करके व्रत करने का संकल्प करना चाहिए।
आस पास के किसी शिव मंदिर पर जाकर शिवलिंग पर गंगा जल और दूध से अभिषेक करे साथ ही पूजा में बेलपत्र, गंगाजल, भांग, धतूरा, बेर आदि शामिल करना न भूले। गंगाजल, दूध या गन्ने के रस से अभिषेक करने के बाद शिव जी को चंदन, अक्षत, सफेद फूल, बेलपत्र, भांग की पत्तियां, शमी के पत्ते, धतूरा, भस्म और फूलों की माला अर्पित करे, इसके साथ ही भगवान शिव को शहद, फल, मिठाई, शक्कर, धूप-दीप अर्पित करें।
सावन माह ( Shravan Mondays 2023 ) में शिवजी के जलाभिषेक के दौरान “ओम् नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
सावन के महीने में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए बिल्व अर्चन, कमल अर्चन महामृत्युंजय पाठ और हवन व रुद्राभिषेक भी अवश्य करे।

भगवान् शिव को जल चढ़ाते समय मंत्रो का जाप अवस्य करे।


श्रीभगवते साम्बशिवाय नमः । स्नानीयं जलं समर्पयामि।

महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव को प्रसन्न करने वाला सबसे उत्तम मंत्र है यदि आप भयमुक्त, रोगमुक्त जीवन चाहते हैं और अकाल मृत्यु के डर से खुद को दूर करना चाहते हैं, तो आपको भगवान शिव के सबसे प्रिय मंत्र ‘महामृत्युंजय मंत्र’ का जाप करना चाहि।
इस मन्त्र का 108 बार रोजाना जाप करने से मनुष्य की सभी बाधाएं और परेशानियां खत्म हो जाती हैं और अधिक से अधिक लाभ प्राप्त होता है

सावन के महीने में अवस्य करे ( Shravan Mondays 2023 ) महामृत्युंजय मंत्र का जाप

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥

महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ

त्रयंबकम- त्रि.नेत्रों वाला ;कर्मकारक।
यजामहे- हम पूजते हैं, सम्मान करते हैं। हमारे श्रद्देय।
सुगंधिम- मीठी महक वाला, सुगंधित।
पुष्टि- एक सुपोषित स्थिति, फलने वाला व्यक्ति। जीवन की परिपूर्णता
वर्धनम- वह जो पोषण करता है, शक्ति देता है।
उर्वारुक- ककड़ी।
इवत्र- जैसे, इस तरह।
बंधनात्र- वास्तव में समाप्ति से अधिक लंबी है।
मृत्यु- मृत्यु से
मुक्षिया, हमें स्वतंत्र करें, मुक्ति दें।
मात्र न
अमृतात- अमरता, मोक्ष।

महामृत्युंजय मंत्र का सरल अनुवाद

इस मंत्र का मतलब है कि हम भगवान शिव की पूजा करते हैं, जिनके तीन नेत्र हैं, जो हर श्वास में जीवन शक्ति का संचार करते हैं और पूरे जगत का पालन-पोषण करते हैं।

सावन के महीने ( Shravan Mondays 2023 ) में महामृतुन्जय मन्त्र का जाप करने से होने वाले लाभ

1100 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से भय से छुटकारा मिलता है।
11000 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से असाध्य रोगो से भी छुटकारा मिल जाता है।
सवा लाख की संख्या में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से पुत्र की प्राप्ति होती है।
यदि कोई भी व्यक्ति पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें, तो वांछित फल की प्राप्ति की प्रबल संभावना रहती है।

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