धनवृद्धि के लिए इस तरह से करे Rudrabhishek in Varanasi में

शिव और रुद्र परस्पर एक-दूसरे के पर्यायवाची हैं। शिव को ही ‘रुद्र’ कहा जाता है, क्योंकि रुतम्-दु:खम्, द्रावयति-नाशयतीतिरुद्र: यानी कि भोले सभी दु:खों को नष्ट कर देते हैं। हमारे धर्मग्रंथों के अनुसार हमारे द्वारा किए गए पाप ही हमारे दु:खों के कारण हैं। रुद्रार्चन और रुद्राभिषेक से हमारी कुंडली से पातक कर्म व महापातक भी जलकर भस्म हो जाते हैं और साधक में शिवत्व का उदय होता है।

Rudrabhishek in Varanasi

Rudrabhishek in Varanasi का महत्वशिवपुराण के रुद्रसंहिता के अनुसार, सावन माह में रुद्राभिषेक करना विशेष फलदायी होता है. सर्वदेवात्मको रुद्र: सर्वे देवा: शिवात्मका: अर्थात् सभी देवताओं की आत्मा में रुद्र उपस्थित हैं और सभी देवता रुद्र की आत्मा में हैं। रुद्राभिषेक में भगवान शिव के रुद्र अवतार की पूजा होती है, यह भगवान शिव का प्रचंड रूप होता है।

कहा जाता है कि सावन माह में रुद्र ही सृष्टि का कार्यभार संभालते हैं, रुद्राभिषेक (Rudrabhishek in Varanasi )से अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम होता है और व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं से मुक्ति मिलती है,साथ ही परिवार में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।

वाराणसी में रुद्राभिषेक (Rudrabhishek in Varansi) के अनेको लाभ है

Rudrabhishek in Varanasi
  • जल से अभिषेक करने पर वर्षा होती है।
  • असाध्य रोगों को शांत करने के लिए कुशोदक से रुद्राभिषेक करें।
  • भवन-वाहन के लिए दही से रुद्राभिषेक करें।
  • लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें।
  • धनवृद्धि के लिए शहद एवं घी से अभिषेक करें।
  • तीर्थ के जल से अभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • इत्र मिले जल से अभिषेक करने से बीमारी नष्ट होती है।
  • पुत्र प्राप्ति के लिए दुग्ध से और यदि संतान उत्पन्न होकर मृत पैदा हो तो गोदुग्ध से रुद्राभिषेक करें।
  • रुद्राभिषेक से योग्य तथा विद्वान संतान की प्राप्ति होती है।
  • ज्वर की शांति हेतु शीतल जल/ गंगाजल से रुद्राभिषेक करें।
  • सहस्रनाम मंत्रों का उच्चारण करते हुए घृत की धारा से रुद्राभिषेक करने पर वंश का विस्तार होता है।
  • प्रमेह रोग की शांति भी दुग्धाभिषेक से हो जाती है।
  • शकर मिले दूध से अभिषेक करने पर जड़बुद्धि वाला भी विद्वान हो जाता है।
  • सरसों के तेल से अभिषेक करने पर शत्रु पराजित होता है।
  • शहद के द्वारा अभिषेक करने पर यक्ष्मा (तपेदिक) दूर हो जाती है।
  • पातकों को नष्ट करने की कामना होने पर भी शहद से रुद्राभिषेक करें।
  • गोदुग्ध से तथा शुद्ध घी द्वारा अभिषेक करने से आरोग्यता प्राप्त होती है।
  • पुत्र की कामना वाले व्यक्ति शकर मिश्रित जल से अभिषेक करें। ऐसे तो अभिषेक साधारण रूप से जल से ही होता है।

कैसे करें अपनी राशि अनुसार वाराणसी में रुद्राभिषेक (Rudrabhishek in Varanasi)?

  • मेष: शहद और गन्ने का रस
  • वृषभ: दुग्ध, दही
  • मिथुन: दूर्वा से
  • कर्क: दुग्ध, शहद
  • सिंह: शहद, गन्ने के रस से
  • कन्या: दूर्वा एवं दही
  • तुला: दुग्ध, दही
  • वृश्चिक: गन्ने का रस, शहद, दुग्ध
  • धनु: दुग्ध, शहद
  • मकर: गंगा जल में गुड़ डालकर मीठे रस से
  • कुंभ: दही से
  • मीन: दुग्ध, शहद, गन्ने का रस
Rudrabhishek in Varanasi

इसमें कोई संदेह नहीं कि किसी भी पुराने नियमित रूप से पूजे जाने वाले शिवलिंग का अभिषेक (Rudrabhishek in Varanasi ) बहुत ही उत्तम फल देता है किंतु यदि पारद के शिवलिंग का अभिषेक किया जाए तो बहुत ही शीघ्र चमत्कारिक शुभ परिणाम मिलता है। रुद्राभिषेक का फल बहुत ही शीघ्र प्राप्त होता है। 

वेदों में विद्वानों ने इसकी भूरि-भूरि प्रशंसा की है। पुराणों में तो इससे संबंधित अनेक कथाओं का विवरण प्राप्त होता है। वेदों और पुराणों में रुद्राभिषेक के बारे में कहा गया है और बताया गया है कि रावण ने अपने दसों सिरों को काटकर उसके रक्त से शिवलिंग का अभिषेक किया था तथा सिरों को हवन की अग्नि को अर्पित कर दिया था जिससे वो त्रिलोकजयी हो गया।

भस्मासुर ने शिवलिंग का अभिषेक अपनी आंखों के आंसुओं से किया तो वह भी भगवान के वरदान का पात्र बन गया। कालसर्प योग, गृहक्लेश, व्यापार में नुकसान, शिक्षा में रुकावट सभी कार्यों की बाधाओं को दूर करने के लिए रुद्राभिषेक आपके अभीष्ट सिद्धि के लिए फलदायक है।

ज्योतिर्लिंग क्षेत्र एवं तीर्थस्थान तथा शिवरात्रि प्रदोष, श्रावण के सोमवार आदि पर्वों में शिववास का विचार किए बिना भी रुद्राभिषेक किया जा सकता है। वस्तुत: शिवलिंग का अभिषेक आशुतोष शिव को शीघ्र प्रसन्न करके साधक को उनका कृपापात्र बना देता है और उनकी सारी समस्याएं स्वत: समाप्त हो जाती हैं। अत: हम यह कह सकते हैं कि रुद्राभिषेक से मनुष्य के सारे पाप-ताप धुल जाते हैं।

स्वयं सृष्टिकर्ता ब्रह्मा ने भी कहा है कि जब हम अभिषेक करते हैं तो स्वयं महादेव साक्षात उस अभिषेक को ग्रहण करते हैं। संसार में ऐसी कोई वस्तु, वैभव, सुख नहीं है, जो हमें रुद्राभिषेक करने या करवाने से प्राप्त नहीं हो सकता है।

Preeti Gupta
Preeti Guptahttp://www.webgestures.com
Hi, I am Preeti Gupta, Content Creator of the "Yatra with Preeti" YouTube Channel, And Passionate Content Writer related to Religious Niches like Temple's History, Importance of Puja & Path

Latest articles

Advertismentspot_img

Related articles

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

× How can I help you?