जानिए भगवान् काल भैरव का जन्म कैसे हुआ? काल भैरव जयंती (Kaal Bhairav Jayanti 2023)

कौन है बाबा काल भैरव (Kaal Bhairav Jayanti 2023)

Kaal Bhairav Jayanti 2023
Kaal Bhairav Temple Varanasi | Kashi Archan Foundation

भैरव या भैरवनाथ का अर्थ है जो भय से रक्षा करता हुया या फिर जो देखने में भयंकर खतरनाक हो, भगवान् शिव को जब भी क्रोध आता है तो वह बाबा काल भैरव (Kaal Bhairav Jayanti 2023) का रूप धारण कर लेते थे शिव के ही अवतार है बाबा काल भैरव बाबा विश्वनाथ जी ने काल भैरव को बनारस का कोतवाल नियुक्त किया था काल भैरव जी को काशीवासियो को दंड देने के अधिकार भी है
एक बार ब्रह्मा, विष्णु, महेश मे विवाद पैदा हो गया. तब ब्रह्मा ने शिव की निंदा कर दी इससे क्रोधित हुए शिव ने रौद्र रूप धारण कर लिया और इसी रौद्र रूप से काल भैरव का जन्म हुआ, काल भैरव (Kaal Bhairav Jayanti 2023) ने अपने अपमान का बदला लेने के लिए ब्रह्मा के पांचवे सिर को काट दिया था, भैरव के हाथ से ब्रह्मा के सिर गिर गया था काशी में जिस जगह पर ब्रह्मा को सिर गिरा था उससे कपाल मोचन तीर्थ कहा जाता है उस दिन से काल भैरव अस्थाई रूप से काशी में ही निवास करते है जिससे हम काल भैरव मंदिर नाम से जानते है और पूजा करते है इससे भैरव पर ब्रह्म हत्या का दोष लग गया इसी लिए
भगवान् शिव ने भैरव से सभी तीर्थ स्थानो पर जाने के लिए कहा जिससे ब्रह्मा की हत्या के पाप से मुक्ति मिल सके !

पापियो को दंड देने के लिए भागवान शिव ने ये रूप को जन्मा था जब भी जहा पर भी पापियो को दंड देने के समय आया तब तब भागवान शिव ने काल भैरव के रूप धारण करके पापियो के विनाष किया है बाबा कालभैरव (Kaal Bhairav Jayanti 2023) की पूजा भारत के अलावा श्रीलंका, नेपाल, तिब्बत्त और भी बहुत देशो में होती है अलग अलग जगह पर उन्हें अलग अलग नाम से जाना जाता है महाराष्ट्र में “खंडोबा” के नाम से, वही दक्षिण भारत में भैरव का नाम “शाश्ता” है !

तंत्र शास्त्र में भैरव को आठ नामो का उल्लेख मिलता है भैरव, असितांग, रूरू, चंद, क्रोध, उन्मत्त, कपाली, संहार हिन्दू सनातन धर्म में भैरव के तीन नाम प्रचलित हैं भैरव, काल भैरव और बटुक भैरव यूं तो भैरव बहुत भयानक माने जाते हैं, लेकिन इनकी पूजा भक्तों के लिए सदैव भय मुक्ति करने वाली है और सुखदायी है वह काल या मृत्यु के राजा कोई और भी शिव के अवतार भैरव है !

कब है? काल भैरव जयंती (Kaal Bhairav Jayanti 2023)

Kashi Kotwaal | Kashi Archan Foundation

मार्गशीर्ष महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर काल भैरव जयंती (Kaal Bhairav Jayanti 2022) को मनाया जाता है जोकि इस साल वर्ष 05 दिसंबर 2023 मंगलवार को दिन बुधवार को मनाया जाएगा कथाओ के अनुसार इसी दिन भागवान शिव ने काल भैरव के अवतार लिया था इसी दिन काल भैरव की कथा के पाठ करना शुभ माना जाता है !

बाबा काल भैरव पूजा (Kaal Bhairav Jayanti 2023) से होती है भूत प्रेत और बुरी शक्तियो की बाधा दूर

Kaal Bhairav Jayati 2022

बाबा Kaal Bhairav Jayanti 2023 मार्गशीर्ष महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाई जाती है जोकि इस साल वर्ष 05 दिसंबर 2023 मंगलवार को मनाया जाएगा तथा हर महीने अस्टमी तिथि को कलास्टमी का व्रत भी किया जाता है !
भगवान शिव के रौद्र रूप को काल भैरव माना जाता है इसीलिए काल भैरव जयंती (Kaal Bhairav Jayanti 2023) पर भगवान शिव की पूजा की जाती है, माना जाता है कि इस दिन को बाबा काल भैरव का अवतरण हुआ था, धार्मिक मान्यताओ के अनुसार इस दिन पूरे विधि विधान और पूरी निष्ठा के साथ बाबा काल भैरव की पूजा करने से मन के सभी भय दूर होते है और सभी प्रकार की गृह बाधा भी दूर होती है और साथ ही साथ शत्रु की बाधा भी दूर होती है।

शनि और राहु की बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए बाबा काल भैरव की पूजा विशेष महत्व रखती है मान्यताओ के अनुसार यह भी कहा जाता है की इस दिन काल भैरव जी की पूजा करने से वे प्रसन्न होते है और बाबा काल भैरव मनुस्य को उसके कर्मो के अनुसार फल भी देते है। और अगर बाबा काल भैरव नाराज होते है तो मनुस्य का काम अनिष्ट भी हो सकता है
बाबा काल भैरव का रूप भयानक माना जाता है लैकिन वे अपने भक्तो की सदैव सहायता करते है और यह माना जाता है कि काल भैरव की पूजा से भूत प्रेत और बुरी शक्तियो की बाधा भी दूर होती है |

बाबा काल भैरव पूजा विधि

Kaal Bhairav Jayanti 2023
Kashi Kotwaal | Baba Kaal Bhairav | Kashi Archan Foundation
  • काल भैरव जयंती (Kaal Bhairav Jayanti 2023) (मार्गशीर्ष महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी ) के दिन सुबह प्रातः काल उठकर स्नान आदि करके व्रत करने का संकल्प करे, स्नान आदि के बाद साफ़ वस्त्र धारण करे साथ ही पूजा स्थल को भी साफ़ करे काल भैरव की पूजा रात्रि में करने का विधान है, इस दिन शाम को किसी मंदिर में जाकर भगवान काल भैरव की प्रतिमा के सम्मुख सरसो के तेल का चार मुख वाला दीपक प्रज्वलित करे और भोग लगाए।
  • इस दिन भगवान काल भैरव को पान की पत्ते , उरद ,नारियल ,जलेबी ,पुष्प आदि अर्पित करे। इसके साथ बेलपत्र पर सफ़ेद चन्दन से ॐ नमः शिवाय लिखकर भी अर्पित करना चाहिए
  • इसके बाद काल भैरव चालीसा का पाठ करे , पूजा पूरी होने की बाद काल भैरव जी की आरती करे तत्पश्चात पूजा में हुई किसी भी प्रकार की गलती की लिए माफी जरूर मांगे |
  • इस दिन गरीबो को दान करना भी अच्छा माना जाता है | इस दिन कुत्ते को मीठी रोटी या गुड़ की पुए भी अवश्य खिलाये
Preeti Gupta
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Hi, I am Preeti Gupta, Content Creator of the "Yatra with Preeti" YouTube Channel, And Passionate Content Writer related to Religious Niches like Temple's History, Importance of Puja & Path

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