भूतभगवान , भगवान भैरव की महत्त्व असंदिघ्ध है बाबा भैरव नाथ आपतिविनाशक और मनोकामना पूर्ति के देवता माने जाते है
सभी देवी देवताओ के मंदिरो में भी बाबा काल भैरव अवश्य विराजमान रहते है। बाबा काल भैरव भगवान् शंकर का ही एक स्वरुप है, माना जाता है कि असुरों का नाश करने के लिए भगवान् शिव के रक्त से बाबा भैरव की उत्पत्ति हुई शिवपुराण के अनुसार कार्तिक माह की कृष्ण पच्छ की अस्टमी को मध्यान में भगवान् शिव के अंश काल भैरव का जन्म हुआ अतः इसीलिए इस तिथि को भैरवअस्टमी या कालाअस्टमी के नाम से भी जाना जाता है
यहाँ भारत के प्रमुख 5 भैरव मंदिरो का उल्लेख किया गया है | Famous Kaal Bhairav Temples in India
काल भैरव मंदिर वाराणसी, (काशी)

काशी का काल भैरव मंदिर भारत का सर्वश्रेष्ठ काल भैरव मंदिर ( Famous Kaal Bhairav Temples in India ) माना जाता है, काशी का काल भैरव मंदिर शहर के उत्तरी भाग में स्तिथ है , यह मंदिर काशी में स्थित पुरातन मंदिरों में से एक है काशी विश्व्नाथ मंदिर से लगभग डेढ़ किलोमीटर की दुरी पर स्थित इस मंदिर का सत्यापित ही इस मंदिर की प्राचीनता को दर्शाता है, गर्भ गृह के अंदर बाबा काल भैरव की मूर्ति स्थापित है जिसे सदा वस्त्र से अवेस्तित रखा जाता है मूर्ति के मूल रूप का दर्शन किसी किसी को ही प्राप्त होता है
इस मंदिर ( Famous Kaal Bhairav Temples in India ) की पौराणिक मान्यता यह है कि बाबा विश्व्नाथ ने बाबा काल भैरव को काशी का कोतवाल न्युक्त किया था, इसलिए बाबा काल भैरव को काशी वासियों दंड देने का भी अधिकार है
बाबा काल भैरव के मंदिर में रविवार और मंगलवार को भरी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते है, बाबा काल भैरव की पूजा तथा आरती नगाड़े ढोल और घंटा बजाकर किया जाता है
बाबा काल भैरव के मंदिर में वड़ा, शराब,और पान के प्रसाद को अधिक महत्व दिया जाता है
जो भी व्यक्ति भूत पिचाश से ग्रषित होता है वो बाबा काल भैरव की कृपा से ठीक हो जाता है । बाबा काल भैरव के मंदिर में लोगो को काला धागा भी दिया जाता है जिससे व्यक्ति भय मुक्त रहता है
काशी के काल भैरव की महत्ता इतनी है की जो भी व्यक्ति काशी विश्वनाथ के दर्शन के बाद बाबा काल भैरव का दर्शन नहीं करता है उसे बाबा विश्वनाथ के दर्शन का भी फल नहीं प्राप्त होता
काल भैरव मंदिर, उज्जैन.

महाकाल की नगरी उज्जैन, जहा के कण कण में भगवन भोलेनाथ का वास है यहाँ हर दिन भगवान् की कृपा से कुछ न कुछ चमत्कार होते रहते है धर्म ग्रंथो के अनुसार उज्जैन नगरी जीवन और मौत के चक्र को खत्म कर भक्तो को मोच्छ प्रदान करती है माना जाता है की इस नगरी में भगवान् स्वयं भक्तो के दुःख को निगल लेते है यहाँ शिव के अवतारी बाबा काल भैरव भक्तो को साच्छात दर्शन देते है
उज्जैन नगरी के भैरवगढ छेत्र के इस मंदिर में भगवान शिव अपने भैरव रूप में विराजित है वैसे तो भगवान् शिव का भैरव रूप रौद्र रूप है लैकिन बाबा काल भैरव यहाँ अपने भक्तों की सहायता के लिए आते रहते है
काल भैरव ( Famous Kaal Bhairav Temples in India ) के इस मंदिर में मदिरा का प्रसाद चढ़ाया जाता है यहाँ की एक खास बात यह भी है की भगवान काल भैरव यहाँ स्वयं मदिरा का प्रसाद ग्रहण करते है, पुजारी मदिरा को एक प्लेट में डाल कर बाबा के मुख पर लगाते है तो बाबा काल भैरव मदिरा रूपी प्रसाद को ग्रहण कर लेते है इसके साथ साथ यहाँ बेसन के लड्डू , मावे के लड्डू और चूरमा का भी भोग लगाया जाता है
बाबा काल भैरव ( Famous Kaal Bhairav Temples in India ) के इस मंदिर में एक और चीज बहुत ही चमत्कारिक और आकर्षण का केंद्र है जो सभी भक्तो का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करती है और वो है मंदिर परिसर में स्थापित दीपस्तम्भ। श्रद्धालुओ द्वारा इस दीपस्तम्भ की दीपमालिकाओ में दीपक जलाने से मन के सारे दुःख दूर होते है और मनोकामना भी पूरी होती है
जिनकी मनोकामना पूरी होती है वे यहाँ दीपक जलाने भी आया करते है
बाबा काल भैरव के इस मंदिर में शत्रु बाधा से मुक्ति पाने के लिए और अच्छे स्वास्थ्य के लिए सरसो के तेल का दीपक जलाया जाता है। और मान और प्रतिष्ठा के वृद्धि के लिए चमेली के तेल का दीपक जलाया जाता है
उज्जैन के काल भैरव मंदिर में दोनों समय आरती होती है महाकाल की नगरी होने से भगवान् काल भैरव को उज्जैन नगर का सेनापति भी माना जाता है
शदियों पुराने इस मंदिर के बारे में कहा जाता है की जब तक बाबा काल भैरव का दर्शन नहीं किया जाता तब तक भगवान् भोलेनाथ का दर्शन भी अधूरा माना जाता है
अघोरी जहा अपने ईस्ट देवता की आराधना के लिए साल भर कालाअस्टमी की प्रतिच्छा करते है वही सामान्य जन भी बाबा के दर्शन के लिए कालाअस्टमी ( भोरोस्ट्मी ) की प्रतिच्छा करते है।
माघ के कृष्ण पच्छ की अस्टमी को काल भैरव अस्टमी कालाअस्टमी कहते है क्यू की इस दिन बाबा काल भैरव का जन्म हुआ था |
बटुक भैरव मंदिर, नई दिल्ली

बटुक भैरव नाथ मंदिर ( Famous Kaal Bhairav Temples in India ) एक हिन्दू मंदिर है जो की भगवान भैरव को समर्पित है बटुक भैरव मंदिर नेहरू पार्क चाड़क्यापुरी नई दिल्ली में स्थित है, इस मंदिर का नाम दिल्ली के प्रमुख मंदिरो में आता है, मान्यता यह है की यह मंदिर लगभग 5500 साल पुराना है। समय समय पर मंदिर का पुनरनिर्माण करवाया जाता है जिस कारण मंदिर की बनावट पुरानी प्रतीत नहीं होती है, बटुक भैरव मंदिर इतना पुराना होने के कारण इस मंदिर का नाम दिल्ली के प्रमुख प्राचीन विरासत ( Famous Kaal Bhairav Temples in India ) के रूप में प्रतिबिम्बित है, बटुक भैरव मंदिर में साल भर बड़ी संख्या में लोग दर्शन करने के लिए आया करते है
बटुक भैरव नाथ मंदिर में बाबा काल भैरव का सिर्फ चेहरा ही है और चेहरे पर दो बड़ी बड़ी आंखे है इस प्रतिमा के साथ बाबा अपने त्रिशूल के साथ विराजमान है
बटुक भैरव नाथ मंदिर में मदिरा या दूध और गुड़ को प्रसाद के रूप में भगवान को अर्पित किया जाता है जो की स्थानीय भक्तो को प्रसाद के रूप में बात दिया जाता है। माना यह भीं जाता है की जो तरल प्रसाद जैसे मदिरा और दूध जो भगवान भैरव की मूर्ति पर चढ़ाया जाता है वह जमीन में बनाए एक कुएं में चला जाता है जो की मंदिर के नीचे है |
किलकारी बाबा भैरव नाथ मंदिर, दिल्ली

भैरव मंदिर या किलकारी बाबा भैरव नाथ मंदिर ( Famous Kaal Bhairav Temples in India ) भैरव को समर्पित एक हिन्दू मंदिर में से एक है। यह भैरव मंदिर दिल्ली में प्रगति मैदान के सामने पुराने किले के बाहर स्थित है यह मंदिर दिल्ली के प्रमुख स्थलों में से एक है, माना यह जाता है की यह मंदिर पांडवो ,भीम ने बनाया था और इस मंदिर में पूजा करके सिद्धियों को प्राप्त किया था
किलकारी बाबा भैरव नाथ मंदिर काफी पुराना होने के कारण दिल्ली के प्राचीनतम विरासत ( Famous Kaal Bhairav Temples in India ) में से एक है, किलकारी बाबा भैरव नाथ मंदिर में पूरे साल भर भक्त जन दर्शन के लिए आते है परन्तु रविवार के दिन इस मंदिर में अधिक भीड़ होती है इस मंदिर की खाश बात यह भी है कि इस मंदिर में उत्तर भारतीय की वास्तु कला शैली दर्शायी गयी है , इस मंदिर के अंदरूनी भाग में संगमरमर का प्रयोग किया गया है जो मंदिर को बहुत आकर्षक बनाता है यह मंदिर स्थानीय लोगो के साथ साथ अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है
किलकारी बाबा भैरव नाथ मंदिर में भैरव बाबा मुख्या देवता के रूप में विरजमान है जिनका केवल मुख और दो बड़ी बड़ी आंखे ही प्रदर्शित होती है भैरव मंदिर एक ऐसा मंदिर है जहा पर भक्त जन बाबा को शराब चढ़ाते है यहाँ शराब स्थानीय लोगो को प्रशाद के रूप में भी वितरित की जाती है बाबा काल भैरव को ग्रहो के देवता और शनि के गुरु के रूप में भी माना जाता है
घोडाखडाल बटुक भैरव मंदिर, नैनीताल

गोलू देवता के नाम से प्रसिद्ध घोडाखडाल बटुक भैरव मंदिर ( Famous Kaal Bhairav Temples in India ) नैनीताल के समीप स्थित है यह मंदिर में विराजित स्वेत गोल प्रतिमा के दर्शन करने रोज भारी संख्या में श्रद्धालु आते है बाबा भैरव भगवान शंकर का ही एक रूप है बाबा काल भैरव को कालो के भी काल कहा जाता है नैनीताल के समीप स्थित घोडाखडाल बटुक भैरव मंदिर बहोत प्रसिद्ध मंदिरो ( Famous Kaal Bhairav Temples in India ) में से एक है यहाँ बाबा भैरव के मंदिर के साथ साथ माँ काली का भी मंदिर स्थित है भक्तों की मनोकामनाओ के साच्छी मंदिर की सीढ़ियों पर अनेक घण्टे बंधे हुए है जिनकी गिनती करना बहुत मुश्किल है मनोकामना की पूर्ति के लिए पूजा के बाद यहाँ शराब की बोतले भी चढ़ाई जाती है, यहाँ सबकी मनोकामनाएं पूरी होती है। भैरव जयंती पर यहाँ बहुत बड़ा उत्सव भी होता है